हमारे देश में 28 राज्य और 9 केंद्र शासित प्रदेश हैं। ये केंद्र शासित प्रदेश क्यों बनाए जाते हैं साथ ही कौन-कौन से केंद्र शासित प्रदेश है यह सभी देखेंगे।
केंद्र शासित प्रदेश क्यों बनाए जाते हैं ?
आपको पता होगा कि पहले कश्मीर भी एक राज्य था और एक राज्य के पास इतनी power होती है कि वह अपने राज्य के अंदर कि हर छोटी बड़ी काम कर सकती है जैसे किसी भी शहर का नाम बदलना, अपने राज्य का बजट पेश करना इत्यादि काम जो अमूमन केन्द्र शासित प्रदेशों के पास नहीं होती है और यह सारी काम राज्य सरकार बिना केंद्र सरकार को बताएं कर सकती है लेकिन राज्य, केंद्र सरकार के लिए खतरा तब बनता है जब वह राज्य किसी पड़ोसी देश के पास हो। क्योंकि डर इस बात का रहता है कि राज्य की मुख्यमंत्री और राज्यपाल पड़ोसी देश के बहकावे में आकर कहीं उसके साथ न मिल जाए और केंद्र सरकार को इसी का डर कश्मीर को लेकर हो रहा था। लेकिन एक वक्त ऐसा आया जब साल 2019 में वहां की गठबंधन सरकार गिर गई और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया। इसी का फायदा उठाते हुए केंद्र सरकार ने इसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया। साथ ही आर्टिकल 370 को भी हटा दिया और जैसे ही कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश बना कश्मीर की हर छोटी-बड़ी काम को करने से पहले संसद में पास कराना पड़ता है। यहां तक कि अगर नदी/ नाला भी बनवाना हो तो पहले केंद्र सरकार से अनुमति लेनी पड़ती है।
केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के अन्य कारण-
(क) अत्यधिक दूर हो -अंडमान निकोबार, लक्ष्यद्वीप
(ख) बहुत छोटा हो-दादरा नगर हवेली, दमन और द्वीप
(ख) संस्कृति अलग हो-पांडिचेरी
(घ) राष्ट्रीय विवाद हो -चंडीगढ़ (दो राज्य की राजधानी एक ही होने के कारण)
(ड) राष्ट्रीय महत्व का हो-दिल्ली,जम्मू कश्मीर,लद्दाख
जिस केंद्र शासित प्रदेश की जनसंख्या अधिक होती है वहां विधानसभा, मुख्यमंत्री तथा उपराज्यपाल तीनों होते हैं। जबकि कम जनसंख्या वाले प्रदेश में केवल प्रशासक होते हैं।