जब से हिंदुस्तान एक लोकतांत्रिक देश बना है तब से यहां की शासन प्रक्रिया भी बदल गया है।और यहां पर एक सरकार शब्द जुड़ गया है। सबको लगता है कि सरकार ही सब कुछ है। ऐसा नहीं है। सरकार तो एक System है और उसका हिस्सा हम सब है। यहां राजा और प्रजा दोनों ही एक दूसरे के बिना अधूरा है। लेकिन सरकार शब्द से बहुतों को कंफ्यूजन होता है कि हमारे देश में 28 राज्य हैं और प्रत्येक राज्य का अपना एक सरकार है। यानी 28 राज्य के 28 सरकार और एक केंद्र सरकार है। एक देश में इतने सरकार की जरूरत क्यों पड़ी? और अगर इन सब सरकारों के बीच विवाद हो जाए तो क्या होगा? आज हम इसी के बारे में जानेंगे।
देश में तीन तरह की सरकार होती हैं- राज्य सरकार, केंद्र सरकार और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकार।
राज्य सरकार क्या होता है?
देश में राज्य सरकार केंद्र सरकार के निचले स्तर की सरकार होता है। प्रत्येक राज्य का नेतृत्व उस राज्य के मुख्यमंत्री तथा केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए राज्यपाल के द्वारा किया जाता है। जिसका प्रमुख तो राज्यपाल होता है लेकिन राज्य की वास्तविक शक्ति मुख्यमंत्री के पास होता है। राज्य सरकार राज्य की भौगोलिक सीमा के अंदर ही कानून बना सकता है। राज्य सरकार 61 विषय पर कानून बना सकती है। जैसे- राज्य में बिजली, गांव में प्रशासन, कानून व्यवस्था, पुलिस बल आदि।
केंद्र सरकार क्या होता है?
केन्द्र सरकार जो भी कानून बनाती है वो सभी राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों के लिए होता है। भारत में केंद्र सरकार राज्य सरकार की तुलना में अधिक शक्तिशाली होता है। केंद्र सरकार राज्य सरकार को बिना बताए उस राज्य के नाम, सीमा बदल सकता है। यदि कोई राज्य केंद्र सरकार का उल्लंघन करता है तो उस राज्य में केंद्र सरकार राष्ट्रपति शासन लागू कर सकता है।
केंद्र सरकार और राज्य सरकार में अंतर-
(1) केंद्र सरकार का प्रमुख राष्ट्रपति होता है जबकि राज्य सरकार का प्रमुख राष्ट्रपाल होता है।
(2) केंद्र सरकार में वास्तविक शक्ति प्रधानमंत्री के पास होता है जबकि कि राज्य सरकार में वास्तविक शक्ति मुख्यमंत्री के पास होता है।
(3) केंद्र सरकार पूरे देश के लिए बजट पेश करता है जबकि राज्य सरकार सिर्फ अपने राज्य के लिए बजट पेश करता है।
(4) केंद्र सरकार देश की करेंसी को बदल सकती है जबकि राज्य सरकार ऐसा नहीं कर सकता।
(5) केंद्र के प्रमुख को संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा साथ ही राज्य के विधानसभा के द्वारा निर्वाचित सदस्यो द्वारा चुना जाता है जबकि राज्य के प्रमुख को केंद्र सरकार के द्वारा नियुक्त किया जाता है और उसे बिना बताए किसी कारण हटाया जा सकता है।
(6) केंद्र सरकार नए राज्य बनाने के लिए संशोधन कर सकता है जबकि राज्य सरकार ऐसा नहीं कर सकता है।
(7) केंद्र सरकार के पास कानून बनाने और संशोधन करने के लिए 101 विषय है जबकि राज्य सरकार के पास 61 विषय है।
(8) केंद्र सरकार अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए पर्याप्त है जबकि राज्य सरकार ऐसा नहीं कर सकता है।
यदि कभी दो राज्य के सरकार के बीच विवाद हो जाए या राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच विवाद हो जाए तो इसकी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होती है।