जर्मनी को कहा गया था कि-
(1) अगले 12 वर्षों तक एक लाख से ज्यादा सेना नहीं रख सकते।
(2) छह से ज्यादा युद्ध पोत नहीं रह सकते।
(3) नए हथियार नहीं खरीद सकते।
(4) जर्मनी कभी भी घातक हथियार नहीं रख सकता
प्रथम विश्वयुद्ध में जर्मनी जितने भी क्षेत्र पर कब्जा किए थे वो सारा क्षेत्र उन्हें वापस करना पड़ा था। जर्मनी को मित्र राष्ट्र के द्वारा जितने भी खर्चा हुए वह सारा खर्चा का भरपाई जर्मनी को करना पड़ा था। यहां तक कि जर्मनी को एक अपना क्षेत्र राइनलैंड (कोयला क्षेत्र) से हाथ धोना पड़ा था। यह सब वर्साय की संधि के तहत हो रहा था। और यह संधि जबरदस्त जर्मनी के ऊपर थोपी गई थी। जो कि जर्मनी के लिए एक अपमान जनक था। जर्मनी को ना चाहते हुए भी वर्साय की संधि पर Sign करना पड़ता है। आगे जाकर यही शांति सम्मेलन द्वितीय विश्व युद्ध का कारण बनता है। प्रथम विश्व युद्ध के समय एक मामूली सी सैनिक था जिसका नाम एडोल्फ हिटलर था। जो कि इस लड़ाई में लड़ते लड़ते पूरी तरह से जख्मी हो गया था। तब एक ब्रिटेन के अधिकारी ने उन्हें ठीक करा कर वापस जर्मनी भेज देता है और आठ-दस साल बाद यही हिटलर एक बड़ी शक्ति बनकर उभरता है। इन्होंने सेना की नौकरी छोड़कर राजनीति join कर ली और धीरे-धीरे एक पार्टी नाजी दल की स्थापना कर दी। साथ ही प्रथम विश्व युद्ध की हार का कारण यहूदियों को बताता है और हिटलर जर्मनी के लोगों के दिलों में यहूदियों के लिए नफरत पैदा कर देता है इसी नफरत के कारण सात लाख यहूदियों की हत्या करवा देता हैं।
1935 में चांसलर बनते ही जर्मन संसद को भंग कर देता है। और देखते ही देखते कानून की सारी शक्ति अपने हाथ में ले लेता है और इसी वर्ष खुद को राष्ट्रपति घोषित कर देता है और राष्ट्रपति बनते ही 1935 से वर्साय की संधि का विरोध करना शुरू कर देता है। वर्साय की संधि में था कि जर्मनी एक लाख से ज्यादा सैना नहीं रख सकते लेकिन हिटलर ने एक लाख से ज्यादा सेना तैयार किया।
उन्हें कहा गया था कि नए हथियार नहीं खरीद सकते लेकिन हिटलर ने नए हथियार भी खरीदे। साथ ही कई परमाणु परीक्षण भी किए। इससे जर्मनी के लोगों के नजरों में हिटलर भगवान बन गए थे। R हेन्स ने कहा था जर्मनी मतलब हिटलर और हिटलर मतलब जर्मनी।
वर्साय की संधि में था कि जर्मनी नए क्षेत्र पर कब्जा नहीं कर सकते। पर हिटलर 1 सितंबर 1939 को पोलैंड पर कब्जा करने के लिए आक्रमण कर देता है। तब पोलैंड की रक्षा करने के लिए ब्रिटेन और फ्रांस उसके सामने खड़ा हो जाता है और यहीं से द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत हो जाती है। प्रथम विश्व युद्ध से ही पूरी दुनिया दो भागों में बांटा हुआ था। एक मित्र राष्ट्र जिसे संतुष्ट राष्ट्र भी कहते हैं। दूसरा धुरी राष्ट्र जिसे असंतुष्ट राष्ट्र भी कहते हैं। मित्र राष्ट्र का नेतृत्व अमेरिका कर रहा था। जबकि धुरी राष्ट्र का नेतृत्व जर्मनी कर रहा था। और प्रथम विश्व युद्ध की तरह ही एक-एक देश इससे जुड़ता गया। लड़ते-लड़ते जापान ने अमेरिका का हवाई द्वीप को ध्वस्त कर दिया और प्रथम विश्वयुद्ध की तरह ही इसमें भी जर्मनी की यानी धुरी राष्ट्र की हार हो जाती है। इधर युद्ध खत्म होने ही वाला था कि तब तक अमेरिका ने 6 और 9 अगस्त 1945 को जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम गिरा देते हैं जिससे जापान पूरी तरह से टूट जाता है और खुद को 10 अगस्त 1945 को आत्मसमर्पण कर देता है। इस तरह द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त हो जाता है।यह युद्ध 1 सितंबर 1939 से 2 सितंबर 1945 तक चला था।
अब बात आती है कि उस समय हिंदुस्तान क्या कर रहा था तो उस समय हिंदुस्तान इंतजार कर रहा था इंग्लैंड की बर्बादी का क्योंकि उस समय इंग्लैंड पूरी तरह से बर्बाद हो चुका था। कहते हैं जितना योगदान हिंदुस्तान को आजाद कराने में गांधी और नेहरू का है उतना ही योगदान हिटलर का है।