हमारे देश में दिन-प्रतिदिन अपराधियों की संख्या बढ़ती जा रही है। लेकिन उन अपराधियों को पकड़ने के लिए कई नियम कानून होते हैं। इन्हीं सब गतिविधियों के बीच हम IPC और CrPC की धारा सुने होते हैं। ये IPC और CrPC की धाराएं क्या होती है साथ ही इसके कुछ प्रमुख धाराओं के नाम भी हम देखेंगे।
IPC मतलब Indian Panel Code(भारतीय दंड संहिता ) होता है। यह हमारे देश में 1862 में लागू हुआ था। IPC में अपराध की परिभाषा दी गई रहती है।IPC धारा के तहत पुलिस अपराधी को गिरफ्तार करती है और गिरफ्तारी के 24 घंटे के भीतर यदि अपराधी को नहीं छोड़ा गया तो उसे कोर्ट में पेश करना अनिवार्य है।
कुछ प्रमुख IPC की धाराएं-
(1) धारा (34)-सामुहिक अपराध।
(2) धारा (201)-सबुत मिटाना।
(3) धारा (302)-हत्या।
(4) धारा (304)-लापरवाही से हत्या।
(5) धारा (307)-हत्या की कोशिश।
(6) धारा (309)-आत्महत्या की कोशिश।
(7) धारा (312)-गरभपात।
(8) धारा (315)-आत्महत्या के लिए प्रेरित करना।
(9) धारा (365)-अपहरण।
(10) धारा (376)-रेप।
(11) धारा (376B)-गैंगरेप।
(12) धारा (379)-चोरी (4 लोगों से कम)
(13) धारा (395)-डकैती (4 लोगों से अधिक)
(14) धारा (396)-डकैती के दौरान हत्या।
(15) धारा (415)-छल-कपट।
(16) धारा (420)-धोखा।
(17) धारा (444)-दुसरी विवाह।
(18) धारा (497)-व्यविचार(इसे समाप्त कर दिया गया है।)
यह शादीशुदा महिला के साथ संबंध रखने पर लगाया जाता है।
CrPC की धारा क्या होता है?
CrPC का मतलब Code of Criminal Procedure(आपराधिक प्रक्रिया संहिता) होता है। यह हमारे देश में 1973 में पारित हुआ था लेकिन 1974 में लागू हुआ था। CrPC में अपराध के बदले कितना दंड दिया जाएगा इसकी चर्चा रहती है। CrPC धारा के तहत पुलिस अपराधी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करता है। तब जज CrPC धारा के तहत उन्हें सजा सुनाती है।