(1) Article (14) - अनुच्छेद 14 कहता है कि कानून के सामने सभी व्यक्ति सामान है। चाहे वह मंत्री हो, जज हो या फिर कोई किसान हो। संविधान में यह व्यवस्था ब्रिटेन से लिया गया है।
(2) Article (15) - जाति, धर्म, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर सार्वजनिक स्थान(सरकारी स्थान) पर कोई भेदभाव नहीं होगा।
(3) Article (17) - अनुच्छेद 17 में छुआछूत का अंत किया है।
(4) Article (19) -
(a) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, बोलने की स्वतंत्रता, झंडा लगाने, पुतला जलाने तथा प्रेस करने की स्वतंत्रता।
(b) बिना हथियार सभा करने की स्वतंत्रता।
(c) संगठन बनाने की स्वतंत्रता।
(d) बिना रोक-टोक के चारों तरफ घूमने की स्वतंत्रता।
(e) भारत के किसी भी क्षेत्र में रहने तथा बसने की स्वतंत्रता।
(5) Article (21) - इसमें प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता की चर्चा है। इसी कारण अधिक धुआं देने वाले वाहन या बिना हेलमेट वाले व्यक्ति को पुलिस चालान काटती है। अनुच्छेद 21 में ही निजता का अधिकार पर जोड़ दिया गया है। अब हमारी गोपनीय जानकारी को कोई उजागर नहीं कर सकता है।
(6) Article (32) - अनुच्छेद 32 में संवैधानिक उपचारों का अधिकार है। अनुच्छेद 32 को संविधान का आत्मा कहते है। क्योंकि इसके द्वारा व्यक्ति हनन के मामले में सीधे Supreme Court जा सकते हैं।