नागरिकता कोई भी देश अपनी मूल निवासियों को कुछ विशेष अधिकार देता है। इस अधिकार को ही नागरिकता कहा जाता है। भारत में एकहरी नागरिकता है। अर्थात हम केवल देश के नागरिक हैं। राज्यों के नागरिक नहीं बल्कि निवासी हैं। भारत में नागरिकता ब्रिटेन से लिया गया है। भारत की नागरिकता 1955 के अधिनियम पर आधारित है। नागरिकता में पहली बार संशोधन 1986 में किया गया था।
* नागरिक होने के कारण हमें पैन कार्ड तथा आधार कार्ड दिया जाता है गैर नागरिकों को यह सुविधा उपलब्ध नहीं है।
* नागरिकता की चर्चा भाग 2 में अनुच्छेद 5 से 11 तक है।
* अनुच्छेद (5) - संविधान के प्रारंभ में दी गई नागरिकता अर्थात जब संविधान बना तो उन सभी लोगों को नागरिकता दी गई जो उसे समय भारत के अंदर थे।
* अनुच्छेद (6) - पाकिस्तान से भारत आए लोगों को नागरिकता दी गई। किंतु यदि संविधान बनने के बाद आयेंगे तो नागरिकता नहीं मिलेगी।
* अनुच्छेद (7) - स्वतंत्रता के बाद भारत से पाकिस्तान चले गए ऐसे व्यक्ति जो संविधान बनने से पहले पुनः भारत लौट आए तो उन्हें नागरिकता दी जाएगी ।
* अनुच्छेद (8) - विदेश भ्रमण एवं नौकरी करने पर भारत की नागरिकता समाप्त नहीं होगी।
* अनुच्छेद (9) - विदेशी नागरिकता लेने पर भारत की नागरिकता समाप्त कर दी जाएगी।
* अनुच्छेद (10) - भारत की नागरिकता तब तक बनी रहेगी जब तक कि वह देश विरोधी कार्य नहीं करता है।
* अनुच्छेद (11) - नागरिकता संबंधी कानून संसद बनाती है। यह जिम्मेदारी गृह मंत्रालय को दी गई है।
भारत में नागरिकता प्राप्त करने की विधियां -
(1) जन्म के आधार पर
(2) पंजीकरण द्वारा
(3) देशीकरण द्वारा