आए दिन हम TRP को लेकर विवाद सुनते रहते हैं। ये TRP क्या होता है? TRP कैसे निकाला जाता है? तथा TRP के क्या फायदे और नुकसान हैं? इन सब के बारे में हम जानेंगे।
• TRP क्या होता है|What is TRP in Hindi
TRP का फुल फॉर्म Television Rating Point होता है। TRP एक Metric है जिसका उपयोग Television Industry में किसी विशेष टीवी प्रोग्राम की लोकप्रियता और दर्शकों की संख्या को मापने के लिए किया जाता है। यह एक पैमाना है कि कितने लोगों ने एक show को देखा और कितने देर तक देखा।
• TRP कैसे निकाला जाता है|How is TRP calculate
TRP को BARC (Broadcast Audience Research Council) के द्वारा मापा जाता है। इसे People Meter कहते हैं इस मशीन से यह पता चलता है कि लोग किस Show को बार-बार देख रहा है और कितने देर तक देख रहा है। यह जांच करने के लिए इसे अलग-अलग जगहों में लगाया जाता है। जैसे-
(1) शहरी क्षेत्र के लोग क्या देखते हैं।
(2) गांव में क्या देखना पसंद करते हैं।
(3) बूढ़े लोग या जवान लोग क्या देखना पसंद करते हैं।
(4) औरत या मर्द क्या ज्यादा देखते हैं।
(5) अलग-अलग भाषा के लोग क्या देखना पसंद करते हैं।
(6) अलग-अलग State में क्या देखते हैं।
People Meter इन सारे लोगों की पसंद देखते हैं कि किस चैनल को ज्यादा लोग देखते हैं और कितने देर तक देखते हैं। जिस चैनल को लोग ज्यादा पसंद करते है उसकी TRP सबसे ज्यादे होती है। People Meter को हर गांव या शहर में नहीं लगाया जाता है बल्कि कुछ चुने हुए जगह में ही लगाया जाता है। People Meter को सबसे ज्यादा शहरी क्षेत्र में लगाया गया है।
Example -
Ch. View. Watch. TRP.
A 10. 2 mint. 20.
B 5. 6 mint. 30.
इस तरह सबसे ज्यादा TRP (B) का होगा।
• TRP के फायदे -
जिस चैनल की TRP ज्यादा होती है वह चैनल प्रचार (Advertisement) करने के लिए उतना ज्यादा पैसा लेती है।
कोई भी चैनल Ad दिखाने के लिए 1000--- 6000 रुपया/सेकंड एक सप्ताह के लिए चार्ज करती है। मान लीजिए कोई चैनल है जिसका TRP मीडियम है यानी यह चैनल 2000 रुपया/सेकंड चार्ज करती है। Cement कंपनी का मालिक Cement का प्रचार 10 सेकंड के लिए करवाता है तो -
1st Week Income 2,000×10=20,000
दोस्तों जिस चैनल को आप फ्री में Show दिखाने वाला समझते हैं वह चैनल 400 से लेकर 2400 करोड़ तक सालाना कमा लेते हैं। ये सारे पैसे इन्हे ऐड दिखाने के मिलते हैं।
• TRP के नुकसान -
ज्यादातर News वाले TRP के चक्कर में Fake News दिखाने लगते हैं और इसी Fake News के चलते ना जाने कितने दंगे- फसाद होते हैं। खास कर हिंदू मुसलमान में जादे विवाद कराते हैं। हमें इनसे बचना चाहिए।