Ac और DC के बारे में हम Physics में कई बार पढ़े होते हैं लेकिन हमें आज भी AC और DC सही से समझ में नहीं आता है। तो आज हम AC और DC क्या होता है? साथ ही इसमें क्या अंतर होता है? विस्तार से जानेंगे।
• AC क्या होता है?
AC (Alternative Current) - यह धारा अपनी दिशा बदलती रहती है। इसका उपयोग घरेलू कार्य के लिए, औद्योगिक क्षेत्र तथा विद्युत उपकरण में किया जाता है। भारत में AC की आवृत्ति 50 Hz तक होती है। AC को दूर तक आसानी से भेजा जा सकता है। इसे बैटरी में संचित नही किया जा सकता है। इसके साथ ट्रांसफार्मर का प्रयोग किया जाता है।
ट्रांसफार्मर की दक्षता को KVA (Kilo Volt Ampere) में व्यक्त किया जाता है।
• DC क्या होता है?
DC (Direct Current) - यह धारा एक ही दिशा में आगे बढ़ती रहती है। इसका उपयोग आर्क वेल्डिंग, बैटरी चार्जिंग इत्यादि में किया जाता है। भारत में DC की आवृत्ति 0 Hz तक होती है। DC को दूर तक आसानी से नहीं भेजा जा सकता है। क्योंकि इसमें ऊर्जा का हानि अधिक होती है। इसे बैटरी में संचित किया जा सकता है। इसके साथ ट्रांसफार्मर का उपयोग नहीं किया जाता है। DC को AC में इनवर्टर के द्वारा बदला जाता है।
AC और DC में क्या अंतर होता है?
• AC (Alternative Current) - यह विद्युत आवेश समय-समय पर दिशा बदलता रहता है और आगे-पीछे दोलन करता है। इसका उपयोग आमतौर पर घरेलू कार्य के लिए किया जाता है।
• DC (Direct Current) - यह विद्युत आवेश लगातार एक ही दिशा में प्रवाहित होते रहता है। बैटरियाँ और कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण में DC का उपयोग करते हैं।
वॉल्टेज (Voltage)
• AC (Alternative Current ) - AC में वोल्टेज लगातार सकारात्मक और नकारात्मक मूल्यों के बीच बदलता रहता है।
• DC (Direct Current) - DC में वोल्टेज समय के साथ अपेक्षाकृत स्थिर रहता है।
उपयोग (Uses)
• AC (Alternative Current ) - AC आसानी से विभिन्न वोल्टेज स्तरों में परिवर्तित होने की क्षमता के कारण घरों और व्यवसायों में बिजली वितरण के लिए व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।
• DC (Direct Current) - DC आमतौर पर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, बैटरियों और कुछ औद्योगिक अनुप्रयोगों में पाया जाता है।
ट्रांसमिशन दक्षता (transmission efficiency)
* AC - लंबी दूरी की बिजली ट्रांसमिशन के लिए अधिक उपयुक्त है। क्योंकि इसे आसानी से विभिन्न वोल्टेज स्तरों में बदला जा सकता है।
* DC - लंबी दूरी के प्रसारण के लिए ऐतिहासिक रूप से कम कुशल, लेकिन प्रौद्योगिकी में प्रगति ने इसमें सुधार किया है।
रूपांतरण(conversion)
* AC - ट्रांसफार्मर का उपयोग करके इसे आसानी से विभिन्न वोल्टेज स्तरों में परिवर्तित किया जा सकता है।
* DC - वोल्टेज परिवर्तन के लिए इनवर्टर या कन्वर्टर जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की आवश्यकता होती है।