रक्त समूह (Blood Group) का खोज लैंड स्टीनर नामक विद्वान ने किया था। मानव में मुख्य रूप से चार प्रकार के रक्त समूह पाए जाते हैं। हालांकि कुल रक्त समूह की संख्या 33 है। रक्त समूह के विभिन्नता के कारण RBC में पाए जाने वाला ग्लाइको प्रोटीन है, जिसे लैंड स्टीनर ने Antigen नाम दिया था। Antigen दो प्रकार के होते हैं। Antigen A तथा Antigen B। इसी antigen के आधार पर Blood Group को चार भागों में बांटते हैं।
(1) जिसमें एंटीजन A होगा वह Blood Group A होगा।
(2) जिसमें एंटीजन B होगा वह Blood Group B होगा।
(3) जिसमें एंटीजन AB दोनों होगा वह Blood Group AB होगा।
(4) जिसमें एंटीजन नहीं होगा वह Blood Group O होगा।
माता-पिता की रक्त समूह (Blood Group) का बच्चे पर प्रभाव
Remark - रक्त के प्लाज्मा में भी एक प्रकार के प्रोटीन पाया जाता है जिसे Antibody कहते हैं|यह Antibody बीमारी से रक्षा करता है। इसी Antibody का निर्माण लिंफोसाइट करता है।
• AB+ वाले व्यक्ति कोई भी Blood (A, B, AB, O) ले सकता है। जिस कारण इसे सर्वाग्रही कहते हैं। क्योंकि इसमें सभी प्रकार के Antigen पाया जाता है।
• O- वाले व्यक्ति किसी को भी अपना Blood दे सकता है। जिस कारण इसे सार्वत्रिक दाता (universal donor) कहा जाता है। क्योंकि इसमें कोई भी Antigen नही पाया जाता है।
बाकी सभी Blood Group वाले व्यक्तियों में A वाले A को, B वाले B को, O वाले O को ही अपना Blood दे सकता है।